Shikha Arora

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लेखनी कहानी -10-Jul-2022 - नाॅन स्टाॅप 2022- अतरंगी चुड़ैल

अतरंगी चुड़ैल का एक रात आया सपना,
अनदेखा, था भयानक, न लगा अपना।
अतरंगी सी वो चुड़ैल थी बड़ी,
गिटपिट बोल रही थी खड़ी खड़ी।
पैमाना एक यहां था उसके हाथ,
मधुशाला में हर कोई था उसके साथ।
डरावने मेकअप की थी वो दुकान,
किसी तरह से न लग रही थी इंसान।
रंग बिरंगे कतरनों में थी लिपटी हुई,
अपने ही बदन से वो थी चिपटी हुई।
सभी पर कर रही थी दबाकर राज,
लोग कर रहे थे उसके लिए काज।
धुंए में खुद को उड़ा रही थी वो,
गर्त में खुद को गिरा रही थी वो।
इंसान रुप में वो एक शैतान थी,
मेरे लिए तो वो सिर्फ हैवान थी।
मानवता का न उसमें नामोनिशान,
औरतों को भी कर रही थी परेशान।
मुस्कुराहट भी न आ रही थी काम,
सतरंगी बनने की कोशिश नाकाम।
अतरंगी चुड़ैल यहां नाम था जिसका,
ख्वाब डरावना ऐसा यहां होगा किसका।
अतरंगियों से करती मैं तौबा हाय,
दूर से करती हूं उनको बाय बाय।।


# नॉनस्टॉप प्रतियोगिता २०२२
शिखा अरोरा (दिल्ली)







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8 Comments

Parangat Mourya

08-Feb-2023 12:45 AM

Behtreen 💐👍

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बहुत ही सुंदर सृजन

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बहुत खूब

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